Bihar Domicile Policy : बिहार में नीतीश सरकार ने सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल नीति लागू कर दिया है।सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऐलान के बाद आज बिहार कैबिनेट की बैठक में आज इसे स्वीकृत कर दिया गया। जिसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से ली जाने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा – 4 में डोमिसाइल नीति लागू हो गयी। इससे राज्य के युवाओं को नौकरी में प्राथमिकता मिलेगी।

आज राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में इस पॉलिसी पर मुहर लगते ही छात्रों के मन में सवाल उठने लगा है कि इसका लाभ कैसे मिलेगा। इसके लिए किस सर्टिफिकेट की जरुरत होगी।

आपको बता के सरकार ने राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में इस पॉलिसी पर मुहर लगाते समय यह साफ किया है कि डोमिसाइल नीति का फायदा सिर्फ उन छात्रों को मिलेगा जिनके पास बिहार राज्य के किसी बोर्ड या मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से मैट्रिक या इंटर का प्रमाणपत्र होगा, केवल उन्हें ही इस नीति का लाभ मिलेगा। वहीं सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इसके लिए आवासीय प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा।

आपको बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लेते हुए सोशल मीडिया एक्स पर पर एक पोस्ट के माध्यम से ऐलान किया था कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा की जा रही शिक्षक भर्ती में बिहार के निवासियों (DOMICILE) को प्राथमिकता देने के लिए शिक्षा विभाग को संबंधित नियमावली में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दिया गया है। वहीं इसे बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के चौथे चरण (TRE-4) से ही लागू करने का निर्देश दिया गया है।

सीएम ने एक्स लिखा था कि वर्ष 2025 में TRE-4 एवं वर्ष 2026 में TRE-5 का आयोजन किया जाएगा। TRE-5 के आयोजन के पूर्व STET का आयोजन करने का भी निर्देश दिया गया है। अब कैबिनेट ने मुख्यमंत्री के इस ऐलान पर मुहर लगा दी है और एक पंक्ति में स्पष्ट कर दिया है कि आवासीय प्रमाणपत्र बनवाने से कोई बिहार का निवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि यहां नियमित रूप से पढ़ने वाले छात्रों को ही इसका लाभ मिलेगा।

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