Bihar Weather Uodate : बिहार में भारी बारिश ने हर जगह तबाही मचाई है। राज्य में अब तक बिजली गिरने से 16 लोगों की मौत की खबर है। मौसम विभाग ने आज (6 अक्टूबर) को मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, अररिया और किशनगंज में तेज़ आंधी के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है। बेगूसराय, समस्तीपुर और दरभंगा समेत ज़्यादातर जिलों के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वी बिहार के किशनगंज से लेकर पूर्णिया, भागलपुर और जमुई तक, सभी 12 जिलों में गरज और बिजली के साथ बारिश होने की संभावना है।
वहीं हथिया तूफ़ान और बारिश ने कई इलाकों में खरीफ़ की फसलों को नुकसान पहुँचाया है। आलू, सब्ज़ियों, अगेती धान की फ़सलों और मोटे अनाजों को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है। खेतों में जलभराव के कारण सब्ज़ियों और मोटे अनाजों के पौधे डूब गए हैं। तेज़ हवाओं ने खेतों में लगे धान के पौधों को भी झुका दिया है। कृषि विभाग शनिवार को आए तेज़ तूफ़ान और बारिश से हुए फ़सल के नुकसान का आकलन कर रहा है। उत्तर बिहार, सारण और कोसी ज़िलों में सबसे ज़्यादा नुकसान की शिकायतें मिली हैं।
उत्तर बिहार वह क्षेत्र है जहाँ अगेती धान की खेती होती है, और परिणामस्वरूप, कई ज़िलों में धान की फ़सलें पहले ही अंकुरित हो चुकी हैं। दक्षिण बिहार का शाहाबाद इलाका भी तूफ़ान और बारिश से प्रभावित हुआ है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. पीके द्विवेदी का कहना है कि सभी खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। खरीफ की फसलें नष्ट हो गई हैं और रबी की बुवाई में देरी होगी। आलू की बुवाई के लिए तैयार क्यारियाँ ढह गई हैं। जलभराव के कारण अगेती पत्तागोभी के पत्ते पीले पड़ गए हैं। मटर को भी नुकसान हुआ है। बारिश में देरी के कारण स्थानीय मटर बाज़ार में देरी से आएगा। इस बीच, गेहूँ और मक्का की बुवाई में देरी होना तय है।
राज्य के सभी इलाकों में बारिश हुई है। उत्तर बिहार की कई नदियाँ उफान पर हैं, जिससे व्यापक नुकसान हुआ है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर चार-पाँच दिनों में मौसम साफ़ हो जाए, तो नुकसान को कम किया जा सकता है। इस बार हथिया में कई सालों के बाद भारी और लगातार बारिश हो रही है। हथिया नक्षत्र 12 अक्टूबर तक रहता है। वरिष्ठ वैज्ञानिक पीके द्विवेदी ने किसानों को मौसम के अनुसार ही आगे का फ़ैसला लेने की सलाह दी है। सब्ज़ियों की फ़सलें जल्दी खराब हो जाती हैं। इसलिए सब्ज़ियों के खेतों से पानी जल्दी निकालने की व्यवस्था करें।
दो दिनों में सामान्य से 929 प्रतिशत अधिक वर्षा:
बिहार मौसम विज्ञान सेवा केंद्र के अनुसार, पिछले दो दिनों में सामान्य से 929 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। पिछले दो दिनों में राज्य में 92.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि इस अवधि के लिए सामान्य वर्षा 10 मिमी है। मौसम विज्ञान सेवा केंद्र ने अगले 48 घंटों के दौरान राज्य के अधिकांश हिस्सों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने और 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से हवा चलने के साथ गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान लगाया है।
नदियों के उफान से खेत जलमग्न:
बिहार के उत्तर-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा के कारण कोसी, बागमती और महानंदा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इससे सुपौल, सीतामढ़ी, किशनगंज और मधेपुरा जैसे जिलों के खेत जलमग्न हो गए हैं।

