Bihar Land Registry :बिहार में सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्ज़े और धोखाधड़ी से खरीद-बिक्री के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कई जगहों पर यह भी पाया गया है कि कुछ सरकारी कर्मचारी लैंड माफिया के साथ मिलकर सरकारी ज़मीन को प्राइवेट लोगों के नाम ट्रांसफर कर रहे हैं। इन मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने अब सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।
क्या निर्देश किए गए जारी :
राज्य के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी कमिश्नरों, ज़िलाधिकारियों (DM), अनुमंडल अधिकारियों (SDO) और अंचल अधिकारियों (CO) को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि लैंड माफिया और इसमें शामिल भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और सरकारी ज़मीन की किसी भी तरह की खरीद-बिक्री को तुरंत रोका जाए।
मुख्य सचिव ने बताया कि जांच में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां सरकारी ज़मीन को अवैध रूप से म्यूटेट करके प्राइवेट लोगों के नाम रजिस्टर किया गया है। यह पूरी तरह से गलत और अनैतिक है। इसके अलावा, गरीब और भूमिहीन परिवारों को दी गई ज़मीन, जैसे गैर मजरुआ खास, गैर मजरुआ आम और भूमि हदबंदी कानून के तहत अतिरिक्त ज़मीन को भी अवैध रूप से खरीदा और बेचा गया है।
ट्रांसफर पर पूरी तरह रोक:
इन सभी मामलों की समीक्षा के बाद सरकार ने फैसला किया है कि अब ऐसे अवैध ट्रांसफर पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी। जो भी कर्मचारी या अधिकारी दोषी पाया जाएगा, उसे कड़ी सज़ा दी जाएगी। नए निर्देशों के अनुसार, सरकार की इजाज़त के बिना कोई भी सरकारी ज़मीन आवंटित या ट्रांसफर नहीं की जाएगी। ज़रूरत पड़ने पर कैबिनेट की मंज़ूरी ज़रूरी होगी। बिहार में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए ज़िला स्तर पर एक लैंड बैंक पोर्टल भी बनाया जाएगा ताकि सरकारी ज़मीन के बारे में सही जानकारी मिल सके।

