Bihar Land Records : बिहार में राजस्व रिकॉर्ड की सर्टिफाइड कॉपी प्राप्त करने की पारंपरिक फिजिकल प्रणाली 1 जनवरी, 2026 से पूरी तरह से खत्म कर दी जाएगी। राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी।
1 जनवरी से लागू होगी नई व्यवस्था :
1 जनवरी, 2026 से राज्य में राजस्व रिकॉर्ड की सर्टिफाइड कॉपी प्राप्त करने की पारंपरिक फिजिकल प्रणाली पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। इसके बजाय, केवल लैंड रिकॉर्ड पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित कॉपी जारी की जाएंगी, जिन्हें कानूनी रूप से सर्टिफाइड कॉपी के रूप में मान्यता दी जाएगी।
इस संबंध में, विभाग के सचिव, जय सिंह ने सभी डिविजनल कमिश्नरों, कलेक्टरों, जिला अभिलेखागार के प्रभारी अधिकारियों और सर्कल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। अब तक, नागरिकों को राजस्व रिकॉर्ड की सर्टिफाइड कॉपी प्राप्त करने के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे।
नई प्रणाली से समय, पैसा और मेहनत की बचत होगी:
इस प्रक्रिया में, जिसमें आवेदन पत्र, स्टांप शुल्क, रजिस्टर में एंट्री, आदेश प्राप्त करना और अंत में कॉपी प्राप्त करना शामिल था, 7 से 14 दिन लगते थे। यह प्रक्रिया ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के नागरिकों के लिए विशेष रूप से कठिन, महंगी और बोझिल थी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि लैंड रिकॉर्ड पोर्टल पर उपलब्ध डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित कॉपी पूरी तरह से कानूनी हैं।
यह प्रणाली राजस्व परिषद, बिहार की अधिसूचना (26 जून, 2024) के अनुसार है, जो ऑनलाइन जारी किए गए और डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित दस्तावेजों को सर्टिफाइड कॉपी के रूप में मान्यता देती है। इसके अलावा, यदि कोई राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है, तो नागरिक इसके लिए ऑनलाइन अनुरोध कर सकते हैं, जिसे सत्यापन के बाद पोर्टल पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित कॉपी के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। यह निर्णय न केवल समय, मेहनत और पैसे की बचत करेगा बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ाएगा और कार्यालयों में अनावश्यक भीड़भाड़ को कम करेगा।
डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित कॉपी पूरी तरह से कानूनी हैं – विभाग:
बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री, विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का यह फैसला आम नागरिकों की सुविधा, काम में पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में एक निर्णायक कदम है। उन्होंने कहा कि अब लोगों को सत्यापित कॉपी प्राप्त करने के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित कॉपी पूरी तरह से कानूनी हैं और हर जगह मान्य होंगी। ये लोगों को उनके घरों में आराम से आसानी से उपलब्ध होंगी। विभाग का लक्ष्य राजस्व सेवाओं को सरल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है। यह डिजिटल बिहार की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। आम नागरिकों को अब इसके लिए इधर-उधर भागदौड़ करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।


