Bihar Crime News : 28 साल पुराने बहुचर्चित पटेढ़ा हत्याकांड में हाजीपुर कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पूर्व विधायक व बाहुबली नेता विजय कुमार उर्फ मुन्ना शुक्ला को बाइज्जत बरी कर दिया है। इस मामले में दोनों पर एक पुलिस कर्मी समेत पांच लोगों की हत्या का आरोप था। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में दोनों को संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष घोषित किया।
मामला वर्ष 1997 का है, जब वैशाली जिले के सराय थाना क्षेत्र के पटेढ़ा अख्तियारपुर गांव के पास (वर्तमान एनएच-22) पर अपराधियों ने पुलिस वैन पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इस हमले में एक बंदी बबलू श्रीवास्तव और चार पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई थी। बबलू श्रीवास्तव उस समय मुन्ना शुक्ला के भाई भुटकुन शुक्ला हत्याकांड का आरोपी था और हाजीपुर जेल से मुजफ्फरपुर कोर्ट में पेशी के लिए लाया जा रहा था।
घटना के बाद सराय थाने में एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें मुन्ना शुक्ला और सूरजभान सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया। उन पर हत्या, हत्या के प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा और आपराधिक साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 353, 120(बी) और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत दर्ज हुआ था।
पुलिस ने 1999 में दोनों नेताओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जिसके बाद वर्ष 2000 से सत्र न्यायालय में मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान कुल 31 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। हालांकि, किसी भी गवाह ने अदालत में दोनों आरोपियों की पहचान नहीं की। कई गवाहों ने विजय कुमार शुक्ला को उस समय के विधायक के रूप में तो पहचाना, पर अभियुक्त के तौर पर नहीं।
शुक्रवार को हाजीपुर सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय उमेश कुमार ने दोनों को बरी करने का फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा। इस फैसले की जानकारी एपीपी राजकुमार सिंह ने दी।
बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामनाथ शर्मा ने पक्ष रखा। अदालत के फैसले के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में दोनों नेताओं को बाइज्जत बरी किया है।

