Indian Railways Ticket Rule : भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए बच्चों के टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। नए नियमों के तहत, छोटे बच्चों वाले माता-पिता या अभिभावकों के लिए ट्रेन यात्रा पहले से कहीं अधिक आसान और सुगम हो गई है। रेलवे ने 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मुफ्त यात्रा की शुरुआत की है, जबकि 5 से 12 साल के बच्चों के लिए विशेष किराया नियम लागू किए गए हैं। ये बदलाव तुरंत प्रभावी हैं और यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे टिकट बुक करते समय सही जानकारी दर्ज करें।
5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए राहत:
रेलवे ने छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाले परिवारों को बड़ी राहत दी है। नए नियमों के अनुसार, 5 साल से कम उम्र के बच्चे ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा कर सकते हैं, बशर्ते उन्हें अलग सीट या बर्थ की आवश्यकता न हो। ऐसे में, माता-पिता बच्चे को गोद में लेकर मुफ्त यात्रा कर सकते हैं। हालाँकि, अगर बच्चे के लिए अलग बर्थ या बर्थ बुक की जाती है, तो पूरा वयस्क किराया लिया जाएगा। रेलवे ने यह सुनिश्चित किया है कि छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाले परिवारों को अनावश्यक खर्चों से बचाया जा सके।
5 से 12 साल के बच्चों के लिए विशेष किराया नियम:
रेलवे ने यात्रियों को सुविधा प्रदान करते हुए 5 से 12 साल के बच्चों के लिए विशेष नियम बनाए हैं। अगर इस आयु वर्ग के बच्चे को सीट या बर्थ की आवश्यकता नहीं है और टिकट बुकिंग के दौरान ‘नो सीट/नो बर्थ (NOSB)’ विकल्प चुना जाता है, तो बच्चे का टिकट आधे किराए पर उपलब्ध होगा। हालाँकि, अगर बच्चे के लिए सीट या बर्थ बुक की जाती है, तो पूरा वयस्क किराया लिया जाएगा।
इसके अलावा, रेलवे ने स्पष्ट किया है कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को वयस्कों के रूप में माना जाएगा। ऐसे बच्चों के लिए, सामान्य वयस्क किराया लागू होगा और कोई छूट नहीं मिलेगी।
टिकट बुक करते समय सावधानी ज़रूरी :
रेलवे ने यात्रियों से टिकट बुक करते समय बच्चे की सही उम्र और जन्मतिथि दर्ज करने का आग्रह किया है। गलत जानकारी देने पर टिकट रद्द हो सकता है और यात्रा के दौरान जुर्माना भी लग सकता है। रेलवे ने यह भी अनिवार्य किया है कि यात्रा के दौरान बच्चे का आयु प्रमाण पत्र (जैसे आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र या स्कूल आईडी) साथ रखें। टिकट जाँच के दौरान टीटीई द्वारा यह प्रमाण मांगा जा सकता है।

