Post Office Sheme : ब्याज दरों में कटौती के इस दौर में, जहाँ बैंक एफडी लगातार कम रिटर्न दे रहे हैं, वहीं डाकघर की लघु बचत योजनाएँ आम निवेशकों के लिए उम्मीद की एक नई किरण बनकर उभरी हैं। 2025 तक, कई प्रमुख बैंकों ने अपनी एफडी ब्याज दरों में कटौती कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप नए निवेशकों को केवल 6-7% रिटर्न ही मिल रहा है। इस बीच, कई डाकघर योजनाएँ 7% से अधिक ब्याज दर दे रही हैं, जिससे इन योजनाओं की ओर लोगों का रुझान तेज़ी से बढ़ रहा है।
सरकार द्वारा तिमाही आधार पर संशोधित की जाने वाली डाकघर योजनाओं की ब्याज दरें वर्तमान में बैंक एफडी से काफी बेहतर हैं। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस), मासिक आय योजना (एमआईएस) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) जैसी योजनाएँ 7% से अधिक ब्याज दर प्रदान करती हैं। कई योजनाएँ आयकर लाभ भी प्रदान करती हैं, जिससे यह दोहरी जीत वाली स्थिति बन जाती है, खासकर पुरानी कर व्यवस्था के तहत निवेशकों के लिए।
निजी बैंकों की FD दरें:
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की FD दरें:
जैसा कि आपने ऊपर देखा, केवल कुछ ही निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 7% से अधिक FD ब्याज दरें प्रदान करते हैं। यही कारण है कि निवेशकों का डाकघर योजनाओं में तेज़ी से विश्वास बढ़ रहा है, क्योंकि ये न केवल उच्च ब्याज दरें प्रदान करती हैं, बल्कि सॉवरेन गारंटी के साथ भी आती हैं। इसका मतलब है कि आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। जहाँ बैंकों में 5 लाख रुपये तक की जमा राशि DICGC के अंतर्गत सुरक्षित है, वहीं डाकघर योजनाओं में असीमित राशि सरकारी गारंटी के अंतर्गत पूरी तरह सुरक्षित है।

