Indian Railway : अगर आप ट्रेनों में मिलने वाले खाने की क्वालिटी से नाखुश थे, तो खुश होने का समय आ गया है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) यात्रियों के लिए एक बड़ा बदलाव कर रहा है जो आपके यात्रा अनुभव को पूरी तरह से बदल देगा। अब ट्रेनों में खाना न सिर्फ ताज़ा और स्वादिष्ट होगा, बल्कि प्रीमियम, फ्लाइट जैसी क्वालिटी का भी होगा। इसके लिए, IRCTC पूरे सिस्टम को बदल रहा है, और इस बदलाव को ‘पैराडाइम शिफ्ट’ कहा जा रहा है।
16.5 लाख यात्रियों के लिए खाने में बड़ा सुधार :
IRCTC हर दिन लगभग 16.5 लाख लोगों को खाना देता है। इतने बड़े पैमाने पर बेहतर क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए, खाना बनाने और परोसने की प्रक्रिया को पूरी तरह से अलग किया जा रहा है। इसका मतलब है कि खाना बड़े प्रोफेशनल F&B ऑपरेटरों द्वारा बनाया जाएगा, और IRCTC टीम इसे यात्रियों तक पहुंचाएगी।
खाना बड़े रेस्टोरेंट और फ्लाइट कैटरर्स द्वारा तैयार किया जाएगा :
इस नए सिस्टम के तहत, देश भर की कई मशहूर रेस्टोरेंट चेन, फ्लाइट कैटरिंग कंपनियां और इंडस्ट्रियल किचन अब ट्रेनों के लिए खाना बना रहे हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि यात्रियों को परोसा जाने वाला खाना ताज़ा, उच्च-गुणवत्ता वाला और पूरी तरह से हाइजीनिक हो।
कौन सी ट्रेनें ट्रायल का हिस्सा हैं?
IRCTC का ट्रायल अभी कई वंदे भारत और अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में चल रहा है।
- नागपुर-सिकंदराबाद वंदे भारत: हल्दीराम और एलियोर खाना परोस रहे हैं।
- दिल्ली-सीतामढ़ी अमृत भारत: टच स्टोन फाउंडेशन की फ़ूड सर्विस
- कासरगोड-तिरुवनंतपुरम वंदे भारत: CAFS की फ़्लाइट-लेवल फ़ूड सर्विस
- मंगलुरु-तिरुवनंतपुरम वंदे भारत: CAFS (16 दिसंबर, 2025 से शुरू)
- अहमदाबाद-वेरावल वंदे भारत: CAFS किचन और सफ़ल फ़ूडीज़
- कटरा-श्रीनगर वंदे भारत: वैष्णो देवी सरोवर पोर्टिको
- मोतिहारी-आनंद विहार अमृत भारत: इस्कॉन, द्वारका की फ़ूड सर्विस
इन ट्रेनों में यात्री रेस्टोरेंट जैसी क्वालिटी और फ़्लाइट जैसी प्रीमियम सर्विस का मज़ा ले रहे हैं।
मेन्यू में शामिल लोकल डिश :
ट्रायल के दौरान, यात्रियों को न सिर्फ़ अच्छी क्वालिटी का खाना मिल रहा है, बल्कि मेन्यू में लोकल स्वादिष्ट व्यंजन भी शामिल हैं। इससे यात्रा का अनुभव और भी बेहतर हो गया है। यात्री इन बदलावों से बहुत खुश हैं, और उनका पॉज़िटिव फ़ीडबैक IRCTC तक पहुँच रहा है।
पूरे देश में जल्द लागू हो सकता है नया सिस्टम :
IRCTC ट्रायल से मिले फ़ीडबैक का अध्ययन कर रहा है। अगर नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहे, तो भविष्य में इस मॉडल को देश भर की कई ट्रेनों में लागू किया जा सकता है।

