Good News : रियल एस्टेट सेक्टर में जीएसटी दरों को सरल बनाने की तैयारी चल रही है। यदि सरकार इसमें प्रस्तावित बदलाव लागू करती है, तो घर बनाने की लागत में कमी आ सकती है, जिससे सीधे तौर पर खरीदारों को फायदा होगा। प्रस्तावित बदलाव से रियल एस्टेट सेक्टर में हलचल और खरीदारों के लिए राहत दोनों की संभावना है।

निर्माण सामग्री पर अलग-अलग जीएसटी दरें :

फिलहाल निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों पर अलग-अलग जीएसटी दरें लगती हैं। सीमेंट और पेंट पर 28% जीएसटी जबकि स्टील, टाइल्स और सैनिटरीवेयर पर 18% जीएसटी लगता है। इस असमान कर ढांचे के कारण प्रोजेक्ट की लागत और घरों के दाम दोनों बढ़ जाते हैं।

रियल स्टेट के विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन दरों को एक समान किया जाए और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को फिर से लागू कर दिया जाए, तो घर की कीमतों में कमी आ सकती हैं। वहीं सरकार के इस कदम से मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी, जो लगातार बढ़ रही कीमत के कारण घर खरीदने में पिछड़ रहे हैं।

निर्माण लागत और मुनाफे पर दबाव :

जानकारी के अनुसार 2019 से 2024 के बीच निर्माण लागत करीब 40% तक बढ़ चुकी है। 2021 में जहां टियर-1 शहरों में ग्रेड-ए प्रोजेक्ट की लागत ₹2,200 प्रति वर्ग फुट थी, जो 2024 में बढ़कर ₹2,800 प्रति वर्ग फुट हो गई। ऐसे में सीमेंट और स्टील जैसी प्रमुख सामग्रियों पर टैक्स में कमी डेवलपर्स और खरीदारों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

TRG Group के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन शर्मा कहते हैं, “सस्ती आवास योजनाओं में टैक्स दरें घटने से मांग बढ़ती है, लेकिन ITC हटने से डेवलपर्स का बजट बढ़ जाता है और इसका बोझ खरीदारों पर पड़ता है। अगर ITC को फिर लागू किया जाए तो दोनों पक्षों को फायदा होगा।”

आपको बता दें कि सरकार ने देश की जीएसटी व्यवस्था को सरल बनाने के लिए कई बड़े बदलाव करने का ऐलान किया है। अब सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि ज्यादातर वस्तुओं के लिए सिर्फ दो टैक्स स्लैब हों – 5 फीसदी और 18 फीसदी। वहीं विलासिता की वस्तुओं और ‘तम्बाकू, सिगरेट और शराब’ जैसी ‘वस्तुओं’ पर 40% का स्पेशल टैक्स लगाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस नए बदलाव को दिवाली तक लागू किया जा सकता है।

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