Personal Loan : चाहे शादी का खर्च हो, घर का रेनोवेशन हो, कोई मेडिकल इमरजेंसी हो, या अचानक कोई बड़ा खर्च हो जिससे आपके पास कैश कम पड़ जाए, सबसे पहले जो बात दिमाग में आती है वह है “पर्सनल लोन।” कोई कोलैटरल नहीं, कोई कोलैटरल नहीं, और 24-48 घंटों के अंदर आपके अकाउंट में कैश—यह सुविधा सच में जान बचाने वाली लगती है। लेकिन क्या यह हमेशा सही फैसला होता है? हर साल, लाखों लोग पर्सनल लोन लेते हैं, और फिर उन्हें ज़्यादा इंटरेस्ट रेट, EMI का बोझ और उनके क्रेडिट स्कोर पर पड़ने वाले असर देखकर पछतावा होता है। तो, सवाल यह है: पर्सनल लोन लेना फायदे का सौदा है या नुकसान? अगर आप पर्सनल लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसके खास फायदे और नुकसान को समझना बहुत ज़रूरी है ताकि आपका फाइनेंशियल प्लान सुरक्षित और बैलेंस्ड रहे।

Personal Loan लेने के फायदे :

तुरंत फंडिंग :

अचानक आने वाले खर्चों में, तेज़ अप्रूवल और उसी दिन लोन मिलना एक बड़ी राहत हो सकती है।

बिना गारंटी वाला लोन :

पर्सनल लोन के लिए आपको अपना घर, ज़मीन या सोना गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं है। सिर्फ़ आपकी इनकम और क्रेडिट हिस्ट्री ही काफ़ी है।

फिक्स्ड EMI से बजट बनाना आसान :

फिक्स्ड EMI होने से आपके महीने के खर्चों की पहले से प्लानिंग करना आसान हो जाता है। आपको ठीक-ठीक पता होता है कि आपको हर महीने कितना पेमेंट करना है।

ज़रूरत के हिसाब से पैसे का इस्तेमाल करें :

पर्सनल लोन किसी खास मकसद से जुड़े नहीं होते हैं। आप इनका इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी, शादी, ट्रैवल, घर के रेनोवेशन या किसी दूसरी ज़रूरत के लिए कर सकते हैं।

क्रेडिट स्कोर सुधारने में करता है मदद :

समय पर EMI चुकाने से आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है और भविष्य में लोन मिलना आसान हो जाता है।

कर्ज मैनेजमेंट आसान :

हीरोफिनकॉर्प के मुताबिक, अगर आपकी कई EMI हैं, तो आप उन्हें एक ही पर्सनल लोन में बदल सकते हैं और सिर्फ़ एक EMI चुका सकते हैं। इससे बजट बनाना आसान हो जाएगा और स्ट्रेस कम होगा।

Personal Loan लेने के नुकसान :

ज़्यादा हो सकती हैं ब्याज दरें :

अनसिक्योर्ड लोन की वजह से, ब्याज दरें होम या कार लोन से ज़्यादा होती हैं।

बोझ बन सकती हैं EMI :

एक बार EMI शुरू हो जाने पर, उसे रोकना या बदलना मुश्किल होता है। अगर इनकम कम हो जाती है या खर्च बढ़ जाता है, तो इससे फाइनेंशियल प्रेशर बढ़ सकता है।

ओवरलेंडिंग के खतरे :

आसान अप्रूवल से लोग ओवरलेवरेज कर सकते हैं, जिससे बजट और फ्यूचर प्लान पर असर पड़ सकता है।

हिडन चार्ज से बढ़ सकते हैं खर्च  :

प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोजर चार्ज या इंश्योरेंस प्रीमियम जैसे एक्स्ट्रा खर्च जुड़ सकते हैं। इसलिए, डॉक्यूमेंटेशन को ध्यान से पढ़ें।

क्रेडिट स्कोर पर असर :

कई लोन एप्लीकेशन या EMI मिस करने से आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है।

गलत इस्तेमाल का खतरा :

क्योंकि लोन किसी खास मकसद से जुड़ा नहीं होता है, इसलिए इसे फालतू खर्चों पर खर्च करना आसान होता है। इससे फाइनेंशियल डिसिप्लिन हो सकता है।

 

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