8th Pay Commission : क्या 8वें वेतन आयोग के तहत पेंशनभोगियों को डीए का लाभ नहीं मिलेगा? क्या पेंशनभोगी और कर्मचारी अपना महंगाई भत्ता खो सकते हैं? व्हाट्सएप पर एक संदेश प्रसारित होने पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में बेचैनी फैल गई। संदेश में दावा किया गया था कि वित्त अधिनियम 2025 के बाद डीए में वृद्धि और वेतन आयोग के लाभ बंद हो जाएँगे। यह खबर सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल गई, जिससे कई कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मन में सवाल उठने लगे: क्या सरकार वाकई महंगाई भत्ते और पेंशन लाभों में भारी कटौती करने की योजना बना रही है?
हालांकि, पीआईबी की तथ्य-जांच टीम ने इस दावे को पूरी तरह से झूठा बताया है। एजेंसी ने कहा कि सरकार ने डीए में कोई वृद्धि या वेतन आयोग के लाभ बंद नहीं किए हैं। यह दावा केवल सोशल मीडिया पर फैली एक गलतफहमी और अफवाहों का नतीजा है।
यह गलतफहमी कैसे पैदा हुई?
यह अफवाह केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2021 के नियम 37(29)(c) में एक मामूली संशोधन की गलत व्याख्या के कारण फैली। नए नियम के अनुसार, यदि कोई सरकारी कर्मचारी बाद में किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) में शामिल हो जाता है और गंभीर कदाचार के कारण बर्खास्त कर दिया जाता है, तो सरकारी सेवा में बिताए गए वर्षों के लिए उसके सेवानिवृत्ति लाभ जब्त किए जा सकते हैं। इसका मतलब है कि किसी सार्वजनिक उपक्रम में कदाचार उनके सेवानिवृत्ति लाभों को प्रभावित करेगा। यह नियम केवल सार्वजनिक उपक्रम में शामिल कर्मचारियों पर लागू होता है और अन्य सभी केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों पर लागू नहीं होता है।
पीआईबी ने स्पष्ट रूप से कहा कि डीए बढ़ोतरी, वेतन आयोग के लाभ या अन्य पेंशन लाभों को वापस लेने का कोई नियम या निर्णय नहीं लिया गया है।
पीआईबी ने क्या कहा?
पीआईबी फैक्ट चेक ने अपने आधिकारिक ट्विटर पोस्ट में लिखा है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित दावे पूरी तरह से झूठे हैं। सरकार ने डीए बढ़ोतरी या वेतन आयोग के लाभ बंद नहीं किए हैं।
8वें वेतन आयोग पर बड़ा अपडेट :
सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8वें सीपीसी) के लिए संदर्भ शर्तें (टीओआर) जारी कर दी हैं। इसका मतलब है कि आयोग ने अब आधिकारिक तौर पर अपना काम शुरू कर दिया है।
कौन कर रहा है इसकी अगुवाई ?
- 8वें सीपीसी की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना देसाई हैं और इस समिति का गठन कुल तीन सदस्यों के साथ किया गया है।
- आयोग किन कार्यों की देखरेख करेगा?
- वर्तमान वेतन संरचना की समीक्षा।
- भत्तों, पेंशन और सेवा शर्तों पर शोध।
- सरकारी कर्मचारियों और निजी/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बीच वेतन समानता।
- वित्तीय स्थिति का आकलन और सरकार पर पड़ने वाला बोझ।
- राज्य सरकारों पर प्रभाव, क्योंकि वे भी अक्सर केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाते हैं।
- सरकार ने आयोग को वेतन वृद्धि में आर्थिक स्थिति और वित्तीय अनुशासन पर विचार करने की सलाह दी है।
सिफारिशें कब प्राप्त होंगी?
सरकार ने आयोग को 18 महीने का समय दिया है। इसका मतलब है कि 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट अप्रैल 2027 तक जमा हो जानी चाहिए। आयोग बीच-बीच में अंतरिम रिपोर्ट भी भेज सकता है। रिपोर्ट जमा होने के बाद, सरकार उसकी समीक्षा करेगी और उसके कार्यान्वयन पर फैसला करेगी। अगर सब कुछ तय समय पर रहा, तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 2027 के बाद नया वेतन ढांचा मिल सकता है।

