Bihar News : बिहार में आगामी त्योहारों के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। ईद मिलादुन्नबी, गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी और विश्वकर्मा पूजा के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
हर जुलूस के लिए लाइसेंस अनिवार्य होगा और डीजे बजाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से जिलों को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि शांति समिति की बैठक से लेकर जुलूस मार्ग की वीडियोग्राफी तक, हर कदम पर सख्ती बरती जाए।
डीजे पर पूरी तरह प्रतिबंध:
एडीजी (कानून-व्यवस्था) पंकज कुमार दाराद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस बार त्योहारों पर डीजे बजाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। खासकर अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन जुलूस में डीजे या तेज आवाज वाले म्यूजिक सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि तेज आवाज से न केवल माहौल खराब हो सकता है, बल्कि विवाद और दुर्घटना होने की भी संभावना रहती है।
इसको लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसके अनुसार राज्य में धार्मिक जुलूस निकालने से पहले आयोजकों को स्थानीय प्रशासन से लाइसेंस लेना होगा। साथ ही, जुलूस का मार्ग पहले से निर्धारित कर उसका भौतिक सत्यापन भी कराया जाएगा।
प्रत्येक संवेदनशील क्षेत्र में शांति समिति की बैठक आयोजित कर समाज के सभी वर्गों को विश्वास में लिया जाएगा। इससे आपसी सौहार्द और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी।
घाटों पर गोताखोर और वीडियोग्राफी:
गणेश विसर्जन और अन्य धार्मिक अवसरों पर नदी घाटों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। गोताखोरों की तैनाती अनिवार्य कर दी गई है, ताकि डूबने जैसी घटनाओं को रोका जा सके। इसके अलावा, सभी जुलूसों और विसर्जन कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि यदि कोई विवाद या उपद्रव की स्थिति उत्पन्न होती है, तो उसकी जाँच और कार्रवाई आसानी से की जा सके।
24 घंटे सक्रिय रहेगा नियंत्रण कक्ष :
एडीजी ने बताया कि इस दौरान जिले से लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय तक नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय रहेंगे। साथ ही हर चार घंटे पर पुलिस मुख्यालय से जिलों की रिपोर्ट ली जाएगी। सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखी जाएगी ताकि अफवाहों और भड़काऊ संदेशों को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसको लेकर प्रशासन ने संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई शुरू की जा रही है ताकि त्योहारों का आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से हो सके।
गया में पितृपक्ष मेले को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम :
एडीजी ने बताया कि गया में कल से शुरू होने वाले पितृपक्ष मेले के लिए प्रशासन के द्वारा व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किया गया है। इस मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक के आने की संभावना को देखते हुए मेला क्षेत्र में 395 पुलिस पदाधिकारी, 1600 सिपाही और 800 होमगार्ड की तैनाती की गई है।
इसके साथ ही सशस्त्र बलों की पाँच कंपनियाँ, घुड़सवार दस्ते की दो टुकड़ियाँ, आँसू गैस के दो दल, दंगा नियंत्रण के लिए एक विशेष कंपनी और दो बम निरोधक यूनिट भी लगाए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गया रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर पुलिस सहायता केंद्र खोले जाएँगे, ताकि बाहर से आने वाले लोगों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
भीड़ और अफवाह पर नियंत्रण पुलिस के लिए बड़ी चुनौती:
एडीजी के अनुसार, बिहार में त्योहारों और मेलों के दौरान लाखों लोगों की भीड़ जुटती है जो सुरक्षा के लिहाज से सबसे बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में पुलिस का मुख्य दायित्व भीड़ को नियंत्रित करना और किसी भी प्रकार की अफवाह को फैलने से रोकना है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर नज़र रखने और नियंत्रण के लिए विशेष टीम बनाई गई है। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय प्रशासन पर बड़ी जिम्मेदारी:
पुलिस मुख्यालय ने जिलों के डीएम और एसपी को त्योहारों के दौरान सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त गश्ती दल तैनात किए जाएँगे। हर जिले में प्रशासन और पुलिस स्थिति पर कड़ी नज़र रखेगी। जुलूस मार्ग पर बैरिकेडिंग, सीसीटीवी कैमरे और पुलिस बल तैनात किया जाएगा।

