Patna High Court : पटना हाई कोर्ट ने बिहार कंट्रोल ऑफ़ क्राइम्स एक्ट (BCCA) की धारा 3 के तहत डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के आदेश पर कड़ी नाराज़गी जताई और राज्य सरकार पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वह एक महीने के अंदर यह जुर्माने की रकम याचिकाकर्ता को दे। कोर्ट ने सरकार को बेवजह मुकदमेबाजी के लिए दस हज़ार रुपये का खर्च भी देने का आदेश दिया।

बिहार सरकार पर जुर्माना:

जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और सुरेंद्र पांडे की डिवीज़न बेंच ने सहरसा के राकेश कुमार यादव उर्फ ​​राकेश यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट को बताया गया कि सहरसा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने BCCA के तहत याचिकाकर्ता को दिन में दो बार, सुबह 9 बजे से 11 बजे तक और फिर शाम 5 बजे से 8 बजे तक पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता ने बताया कि उसका घर पुलिस स्टेशन से लगभग 60 किलोमीटर दूर है।

 क्या है पूरा मामला ? :

कोर्ट ने सवाल किया कि क्या DM ने कानूनी तौर पर ऐसा आदेश दिया था। सरकारी वकील किंकर कुमार ने BCCA के नियम 6 का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने का आदेश दिन में सिर्फ़ एक बार ही दिया जा सकता है।

DM कोर्ट में पेश हुए:

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट में पेश हुए DM ने बताया कि यह आदेश सहरसा के पिछले DM ने जारी किया था। उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसे आदेश जारी न हों। कोर्ट ने कहा कि एक संवैधानिक कोर्ट होने के नाते, जब नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है और स्थापित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना उनकी ज़िंदगी और आज़ादी छीनी जाती है, तो वह चुप नहीं रह सकता।

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