Bihar Elections 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा अंतिम चरण में है और जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार सीटों की संख्या को लेकर मोटा-मोटी सहमति बन चुकी है। हालांकि अंतिम समय में कुछ मामूली फेरबदल हो सकते हैं। अनुमान है कि 10 अक्टूबर को पहले चरण की अधिसूचना जारी होते ही उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

राजद को सबसे बड़ा हिस्सा :

सूत्र बताते हैं कि इस बार सबसे अधिक सीटें राजद के हिस्से में जाएंगी। पार्टी को करीब 135 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है। कांग्रेस को अधिकतम 55 सीटें मिलने की संभावना है, लेकिन पार्टी अतिरिक्त सीटों की मांग पर अड़ी है। वहीं, वाम दलों ने कुल 75 सीटों की मांग की है। भाकपा माले ने 30, भाकपा ने 24 और माकपा ने 11 सीटों की सूची गठबंधन नेतृत्व को सौंपी है।

वाम दलों को मिल सकती हैं 35 सीटें :

2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में वाम दलों की मांग इस बार कहीं अधिक है। तब उन्हें कुल 29 सीटें मिली थीं। माना जा रहा है कि इस बार उन्हें अधिकतम 35 सीटें दी जा सकती हैं, जिनमें भाकपा को अपेक्षाकृत बड़ा हिस्सा मिलेगा।

उम्मीदवारों को मैदान में भेजा गया :

जिन उम्मीदवारों के नाम गठबंधन के भीतर तय हो गए हैं, उन्हें प्रचार-प्रसार के लिए क्षेत्रों में भेज दिया गया है। कुछ सीटों को लेकर अब भी मतभेद बने हुए हैं, लेकिन उम्मीद है कि इन्हें भी जल्द सुलझा लिया जाएगा।

इस तरह बंट रहा है समीकरण :

जानकारी के अनुसार पिछली बार की तुलना में राजद को नौ सीटें कम और कांग्रेस को 15 सीटें कम मिलेंगी। इन 24 सीटों का बंटवारा विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और वाम दलों के बीच होगा। संभावना जताई जा रही है कि वीआईपी को 18 और वाम दलों को छह सीटें दी जाएंगी।

मुकेश सहनी को मनाने की कोशिश :

विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के संस्थापक मुकेश सहनी को साधने की कवायद तेज है। चर्चा है कि उनकी नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें उप मुख्यमंत्री पद का वादा भी किया जा सकता है।

छोटे दलों की भूमिका :

महागठबंधन में इस बार झामुमो, रालोजपा और इंडियन इन्क्लूसिव पार्टी भी शामिल हैं। इनके लिए क्रमशः दो-दो और एक सीट सुरक्षित रखी गई है। तय हुआ है कि झामुमो और रालोजपा की सीटें राजद के हिस्से से जबकि इंडियन इन्क्लूसिव पार्टी की सीट कांग्रेस अपने हिस्से से देगी।

इंडियन इन्क्लूसिव पार्टी (IIP) के संस्थापक आइपी गुप्ता पान-तांती समाज से जुड़े हुए हैं और उन्होंने हाल ही में पटना में सम्मेलन भी किया था। वहीं, झामुमो को बांका जिले की कटोरिया सीट पर उम्मीदवार उतारने का मौका मिल सकता है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और 2015 में यहां से राजद की स्वीटी सीमा हेम्ब्रम विजयी रही थीं। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मनिहारी सीट, जो इस समय कांग्रेस के पास है, उस पर भी समीकरण बदलने की संभावना जताई जा रही है।

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