Bihar News : बिहार में भू-माफिया इतने बेखौफ हो गए हैं कि सरकारी ज़मीन को भी नहीं बख्शते। मुज़फ़्फ़रपुर में माफियाओं ने पुराने एनएच 28 और नए एनएच 122 की सरकारी ज़मीन बेच दी, जिससे रामदयालु में फोरलेन और आरओबी के निर्माण पर ग्रहण लग गया है। जिसके बाद एनएचएआई ने ज़िला प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।
इस संबंध में एनएचएआई ने भू-माफियाओं के द्वारा अरबों रुपये की अवैध भूमि के खरीद-बिक्री के इस मामले का सबूत ज़िला प्रशासन को दी है। जानकारी के अनुसार मुज़फ़्फ़रपुर-समस्तीपुर सड़क के लिए एनएचएआई ने यह भूमि 1964 में अधिग्रहित किया था। जिसे भू-माफियाओं ने अवैध रूप से कब्जाकर बेच दिया है। भू-माफियाओं की इस करतूत का पर्दाफ़ाश एनएचएआई के एक परियोजना निदेशक ने किया है।
बता दें कि हाल ही में प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस समस्तीपुर – मुजफ्फरपुर फोरलेन और रामदयालु में आरओबी के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। अभी उस जमीन पर एक आवासीय कॉलोनी बनी हुई है। इस सरकारी जमीन पर एक-दो नहीं, बल्कि दर्जनों पक्के मकान बन गए हैं। जिससे समस्तीपुर – मुजफ्फरपुर फोरलेन और आरओबी का निर्माण खटाई में पड़ गया है। इस संबंध में एनएचएआई के निदेशक ने डीएम को उक्त जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज, साक्ष्य और अतिक्रमण की तस्वीरें उपलब्ध कराया है।
इस घोटाले को उजागर करते हुए एनएचएआई ने बताया है कि जमीन पर अतिक्रमण कर उसकी खरीद-बिक्री की गई और मुशहरी अंचल से उसका म्यूटेशन भी कराया गया। एनएचएआई ने सीओ से म्यूटेशन रोकने का अनुरोध किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से भू-माफिया धीरे-धीरे अतिक्रमण बढ़ा रहे हैं। परियोजना निदेशक ने बताया है कि मुशहरी सीओ म्यूटेशन की प्रक्रिया पूरी कर अतिक्रमण को वैध घोषित कर रहे हैं। यह जगह रामदयालु रेलवे ओवरब्रिज पार करने के बाद बाईं ओर है।
एनएचएआई के अनुसार रामदयालु ओवरब्रिज निर्माण से पहले समस्तीपुर जाने वाली सड़क रामदयालु गुमटी से होकर निकलती थी। बाद में गुमटी पर लग रहे जाम को देखते हुए विभाग ने सड़क के बगल अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण कर रामदयालु ओवरब्रिज का निर्माण कराया और एनएच को उससे जोड़ दिया। इसके बाद रामदयालु गुमटी से कच्ची पक्की चौक तक जाने वाली सड़क बेकार हो गयी। इसीका फायदा उठाकर स्थानीय भू-माफियाओं ने उस जमीन पर कब्जा जमा लिया और धीरे धीरे पुरी जमीन बेच दिया।

