Bihar Jamin Jamabandi : बिहार में भूमि संबंधी विवादों के स्थायी समाधान हेतु सरकार द्वारा चलाए जा रहे विशेष राजस्व महाअभियान को लेकर विभाग की ओर से जो नियम व दिशा-निर्देश जारी किया गया है। उसका अनुपालन धरातल पर नहीं किया जा रहा है। इस महा अभियान में पूरी तरह अनियमितता और लापरवाही बरती जा रही है। इस कारण रैयतों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
विभाग के अनुसार इस अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन अर्थात वर्ष 2017 से पहले के दस्तावेजों को दुरुस्त किया जाना है, लेकिन इस अभियान का लाभ उन लोगों को नहीं मिल रहा है जिनके पास खतियान वाली जमीन है, जिसमें ऑनलाइन रसीद जारी हो रही है, रकबा दिख रहा है, रैयत का नाम भी दिख रहा है, लेकिन खाता खेसरा दर्ज नहीं है। ऐसे लोगों को खाता, खेसरा सुधार में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
इस संबंध में मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के लक्ष्मीपुर निवासी शिवशंकर सिंह ने बताया कि उनके पास जमाबंदी पंजी तो है, लेकिन उस पर खाता खेसरा संख्या दर्ज नहीं है। जब उन्होंने इसकी जानकारी लेने के लिए राजस्व कर्मचारी से बात की तो जानकारी सही ढंग से नहीं बताई जा रही है। इससे उन्हें परेशानी हो रही है। अब यह जानकारी उन्हें कहाँ से मिलेगी? कौन बताएगा?
वहीं, जिले के सकरा, साहेबगंज, कुढ़नी समेत कई प्रखंडों के लोगों ने बताया कि विभाग का आदेश है कि लोगों को माइक के माध्यम से शिविर की तिथि और स्थान की जानकारी दी जाए, लेकिन न तो यहाँ शिविर लगाया जा रहा है, न ही माइकिंग की जा रही है। सारा अभियान सिर्फ़ कागज़ों पर चल रहा है।
वहीं, पश्चिमी चंपारण जिले के मझौलिया अंचल के हरपुर गढ़वा के भोगाड़ी गाँव के शेख समसुल जोहा, शेख जुमन, रमपुरवा महनवा के शेख हारून ने बताया कि उनके दादा के नाम से ज़मीन की जमाबंदी ऑनलाइन दर्ज है, लेकिन उसमें खाता खेसरा दर्ज नहीं है। इन लोगों का कहना है कि उनके पास खतियान उपलब्ध नहीं है और रिकॉर्ड रूम में भी यह उपलब्ध नहीं है। ऐसे में उन्हें परेशानी हो रही है। दूसरी ओर, जिन लोगों के पूर्वज अपने समय से ज़मीन पर काबिज़ हैं और जिनके दस्तावेज़ खो गए हैं, उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
विदित हो कि बिहार में जमीन के दस्तावेज में सुधार के लिए सरकार द्वारा 16 अगस्त से 20 सितंबर तक विशेष राजस्व अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक पंचायतों में शिविर लगाकर भूस्वामियों के जमीन के जमाबंदी और दस्तावेज में सुधार किया जाना है।
विभाग के अनुसार इस शिविर के माध्यम से लोगों को चार प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है। जिनमें त्रुटिपूर्ण जमाबंदी को ठीक कराना, छूटी हुई जमाबंदी के लिए नई जमाबंदी कायम करना, मृत जमाबंदीदार के उत्तराधिकारी के नाम पर म्यूटेशन कराना और सहमति के आधार पर बंटवारा करके म्यूटेशन कराने की सुविधा दी जानी है। इसके लिए रैयतों के घर- घर जाकर जमाबंदी बनवाने के लिए आवेदन पत्र का वितरण किया जाना है। राजस्व विभाग का यह अभियान 20 सितंबर तक चलेगी।

