Bihar News : नई सरकार बनने के बाद बिहार में अवैध कब्ज़ों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई तेज़ हो गई है। शुरुआत में पूरे राज्य में बुलडोज़र चलाए गए, और अब सरकार ने ज़मीन और बालू माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
गौरतलब है कि गृह मंत्री बनने के बाद सम्राट चौधरी ने कहा था, “तीन तरह के माफियाओं (ज़मीन, शराब और बालू) को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। 400 लोगों की लिस्ट पहले ही तैयार हो चुकी है। 1200 लोगों की एक नई लिस्ट बनाई जा रही है। मैं उनकी प्रॉपर्टी गिरा दूंगा और कोर्ट के आदेश के बाद इन सभी लोगों को जेल भेजूंगा।”
इसी सिलसिले में बिहार सरकार ने लैंड माफियाओं की एक डिटेल्ड लिस्ट तैयार करके उनकी प्रॉपर्टी ज़ब्त करने के लिए केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भेज दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस लिस्ट में दरभंगा के कुख्यात लैंड माफिया मोहम्मद रिज़वान उर्फ राजा का नाम सबसे ऊपर है।
दरभंगा का भू -माफिया रिज़वान ED की लिस्ट में सबसे ऊपर:
मोहम्मद रिज़वान उर्फ राजा दरभंगा ज़िले के बहादुरपुर ब्लॉक के मोदामपुर एकामीघाट का रहने वाला है और फिलहाल जेल में है। बताया जाता है कि एकामीघाट इलाके में उसका एक आलीशान घर है, जहां उसके नाम और एक बड़ी तस्वीर के साथ JDU का तीर का निशान भी लगा हुआ है। उसने स्थानीय स्तर पर खुद को JDU नेता के तौर पर भी पेश किया है। हालांकि, उसकी कुल संपत्ति के बारे में आधिकारिक जानकारी अभी जारी नहीं की गई है।
भाई का दावा: कोई पर्सनल प्रॉपर्टी नहीं
आरोपी के भाई शम्स तबरेज़ का दावा है कि मोहम्मद रिज़वान के पास कोई पर्सनल प्रॉपर्टी नहीं है। बातचीत में उसने दावा किया कि जो भी प्रॉपर्टी है, वह उनके पुरखों की है। शम्स तबरेज़ ने यह भी माना कि उसका भाई ज़मीन के धंधे में शामिल था और ऐसे धंधों में अक्सर विवाद होते रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी वजह से उनके भाई को झूठे केसों में फंसाया गया। उन्होंने बताया कि मोहम्मद रिज़वान के खिलाफ अभी कुल 32 केस दर्ज हैं और उन्हें प्रॉपर्टी ज़ब्त होने के बारे में मीडिया से पता चला। उन्होंने कहा कि अब उन्हें उम्मीद है कि ED निष्पक्ष जांच करेगी और सच्चाई के आधार पर कार्रवाई करेगी।
पीड़ित बिजनेसमैन का बयान
दूसरी ओर, दरभंगा के एक जाने-माने बिजनेसमैन और पीड़ितों में से एक दिनेश कुमार दारुका ने अपनी कहानी बताई। उन्होंने बताया कि उन्होंने मोहम्मद रिज़वान और डॉ. नवाब के बीच हुए एक एग्रीमेंट के आधार पर एक ज़मीन की डील में 60 लाख रुपये एडवांस दिए थे। ज़मीन की कुल कीमत 5.6 करोड़ रुपये तय की गई थी। बाद में, उसी ज़मीन के लिए एक दूसरे खरीदार से भी 1.4 करोड़ रुपये लिए गए। इसके बाद मामला complicated हो गया, और उन्हें न तो ज़मीन मिली और न ही उनके पैसे वापस मिले।
प्रॉपर्टी ज़ब्त होने से उम्मीद जगी :
दिनेश कुमार दारुका ने कहा कि पूरा मामला अभी कोर्ट में है। अब जब मोहम्मद रिज़वान की प्रॉपर्टी ज़ब्त होने की खबर आई है, तो उन्हें अपने पैसे वापस मिलने की नई उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ज़ब्त की गई प्रॉपर्टीज़ को बेचकर पीड़ितों के पैसे वापस दिलाती है, तो यह न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। अब सभी की नज़रें इस पूरे मामले में ED की कार्रवाई पर टिकी हैं।

